अवैध कॉल सेंटर में छापेमारी,दो महिला समेत आठ गिरफ्तार
न्यूड डेस्कः पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बैरकपुर कमिश्नरेट के साइबर क्राइम विभाग को बड़ी सफलता मिली है, साइबर क्राइम शाखा के अधिकारियों ने सोदपुर स्थित गोदरेज हाउसिंग सोसायटी में चल रहेअवैध कॉल सेंटर में छापामारी कर धोखाधड़ी करने वाले एख गिरोह का पर्दाफाश किया. पुलिस ने छापेमारी दो महिलाओं समेत 8 गिरफ्तार किया गया है, रविवार को बैरकपुर कमिश्नरेट के डीसी नॉर्थ गणेश विश्वास ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बात की जानकारी दी.
60 एटीएम कार्ड, 2 लैपटॉप, 11 मोबाइल फोन, 17 सिम कार्ड, 83 हजार नकदी जब्त
उन्होंने बताया कि 21 जुलाई को खड़दह थाना अंतर्गत गोदरेज प्रकृति आवासन के एक घर से 3 लोगों को गिरफ्तार किया गया था. उन आरोपियों से कड़ी पूछताछ के बाद में विभिन्न स्थानों से धोखाधड़ी गिरोह में शामिल होने के आरोप में दो महिलाओं सहित 5 लोगों को गिरफ्तार किया गया. डीसी नॉर्थ ने यह भी बताया कि गिरफ्तार लोगों में बिपिन कुमार और अखिलेश कुमार यादव बिहार के रहने वाले हैं. बाकी पांच मोहम्मद मोबिन अंसारी, संदीप पासवान, चंदन सिंह और दो महिलाएं सृष्टि दास और बंटी विश्वास इलाके की रहने वाली है. उन्होंने यह भी बताया कि सोदपुर में कॉल सेंटर में छापेमारी में 60 एटीएम कार्ड, 2 लैपटॉप, 11 मोबाइल फोन, 17 सिम कार्ड, लगभग 83 हजार रुपए की नकदी और कुछ नोटबुक और डिवाइस जब्त किए गए. घटना में पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। उस मामले के आधार पर जांच की जा रही है कि इस फर्जीवाड़े में कोई और भी शामिल है या नहीं,
विदेश के लोगों को भी करता बनाता था शिकार
इसके अलावा, उन्होंने कहा, अखिलेश कुमार यादव सोदपुर स्थित गोदरेज प्राकृत में एक घर के मालिक हैं. यह गिरोह न केवल राज्य के लोगों को बल्कि अपने घर में बैठ कर विदेशी लोगों को भी फोन करके एक के बाद एक टारगेट कर अपना शिकार बनाते थे. अब तक राज्य और विदेश में करीब एक सौ जालसाजों का पता लगाया जा चुका है. यह अलग-अलग शहरों में 50 से ज्यादा लोगों को टारगेट कर सभी से ठगी कर चुके है. डीसी नॉर्थ का दावा है कि पूरा सिस्टम सोदपुर के उस घर से संचालित होता था. इसमें डीसी नॉर्थ के अलावा इंस्पेक्टर साइबर क्राइम पश्चिम बंगाल शंकर पाल, बैरकपुर साइबर क्राइम डिवीजन के ओसी इंस्पेक्टर देबाशीष विश्वास, एसीपी डीडी (लीगल) साइबर क्राइम देबांशु भौमिक और बैरकपुर सिटी पुलिस के अन्य साइबर विशेषज्ञ मौजूद थे.