शिक्षक भर्ती घोटालाः तृणमूल के एक और विधायक का नाम आया सामने,हाई कोर्ट ने दिया सीबीआइ जांच का आदेश

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न्यूज डेस्कः  पश्चिम बंगाल की बहु चर्चित शिक्षक भर्ती घोटाले में तृणमूल कांग्रेस विधायक जीवन कृष्ण साहा की गिरफ्तारी के 24 घंटे बीता था कि एक और पार्टी के विधायक का नाम ज़ुड़ गया. कलकत्ता हाई कोर्ट ने नदिया जिले के तेहट्ट से तृणमूल विधायक तापस साहा के खिलाफ सीबीआइ जांच का आदेश दिया है. मामले में सबसे पहले पार्थ चटर्जी व उसके बाद मानिक भट्टाचार्य की गिरफ्तारी हुई थी.

नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये लेने का आरोप

पार्थ चटर्जी व मानिक भट्टाचार्य इस समय न्यायिक हिरासत में हैं जबकि जीवन कृष्ण साहा को सीबीआइ ने चार दिनों की हिरासत पर लिया है. तापस साहा पर नदिया जिला परिषद की सदस्या टीना भौमिक साहा ने स्कूल व दमकल विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये लेने का आरोप लगाया था. बीजेपी नेता तरुण ज्योति तिवारी ने इसे लेकर हाई कोर्ट में मामला दायर किया था.

राज्य पुलिस की भ्रष्टाचार रोधी शाखा ने मामले की जांच शुरू की थी। मामलाकारी राज्य पुलिस की जांच से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने अदालत से सीबीआइ जांच की अपील की थी। मामले पर सुनवाई करते हुए न्यायाधीश राजशेखर मंथा ने मंगलवार को यह फैसला सुनाया। उन्होंने कहा कि जांच अधिकारी को मामले से जुड़े सभी कागजात 14 दिनों के अंदर सीबीआइ को सौंपने होंगे। उसके बाद सीबीआइ मामले की जांच शुरू करेगी। तापस साहा पर नौकरी दिलाने के नाम पर पांच करोड़ रुपये लेने का आरोप है।

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