पश्चिम बंगालः कमरहट्टी में धूमधाम से निकली रथ यात्रा, उमड़ा सैलाब

0

न्यूज डेस्कः उड़ीसा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की पारंपरिक रथयात्रा रविवार से शुरू हो रही है। इसका आयोजन हर साल आषाढ़ माह में शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि से होता है और भगवान जगन्नाथ दशमी तिथि तक जन सामान्य के बीच रहते हैं। इस दौरान भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलराम और बहन देवी सुभद्रा के साथ रथ पर विराज कर गुंडीचा मंदिर की ओर प्रस्थान करते हैं। जगन्नाथ रथयात्रा का भव्य आयोजन 10 दिनों तक चलता है।

इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर 24 परगना जिले के बेलघरिया स्थित कमरहटी रथतल्ला की 201 सौ साल पुराना ऐतिहासिक रथ पूजा और रथ यात्रा रविवार को बहुत धूम धाम से मनाया गया। भगवान जगन्नाथ, बलराम, सुभद्रा को मौसी के घर पहुंचाने के लिए भक्तों की उमड़ी भीड़। इस रथ यात्रा कार्यकर्म को देखने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु और दर्शक का जमावड़ा लगा। इसके साथ दमदम के तृणमूल सांसद सौगात राय,कमरहट्टी के विधायक मदन मित्रा, कमरहट्टी नगर पालिका चेयरमैन गोपाल साहा और पार्षद सोमनाथ राय चौधरी के साथ कार्यकर्ताओ ने भी बेलघरिया रथतल्ला जगन्नाथ देव रथ का पूजा अर्चना कर संध्या को रथ की डोरी खीच कर यात्रा का शुभारंभ किया।

इस रथ को पूरे बेलघरिया स्थित कमरहटी रथ तल्ला इलाके का भ्रमण कराया गया। इस दौरान रथ यात्रा को संपन्न करने के लिए पुलिस प्रशासन की ओर से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए। बेलघरिया स्थित कमरहटी रथतला की हैवीवेट भगवान जगन्नाथ, बलराम, सुभद्रा की प्रतिमा के साथ 33 फीट ऊंचे रथ बनाई गई है। भक्तों के अनुसार इन तीनों रथों पर सवार होकर भगवान अपनी मौसी के घर पहुचेंगे। भगवान जगन्नाथ, बलराम, सुभद्रा को दो टन फूलों की पोशाक पहना कर भव्य रूप से सजाया गया था।

रथतला समिति के सदस्य ने बताया कि बेलघरिया रथ यात्रा को देखने आए भक्तों और कार्यकर्ताओं के लिए विभिन्न प्रकार के पकवान और प्रसाद बनाए गए थे, पेड़ा, पोलाओ खिचड़ी, सफेद चावल, पाताल डोरमा, एंटचोर करी, पनीर करी और कई अन्य प्रकार के भोजन उपलब्ध कराया गया हैं। इस प्रसाद और पकवान को लोगो मे वितरण किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *