न्यूटाउन में अब जल्द शुरू होगा ऐप नियंत्रित ई रिक्शा

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कोलकाता. सॉल्टलेक के विभिन्न ब्लॉकों में आने-जाने के लिए अधिकांश लोगों को ऑटो रिक्शा पर अधिक निर्भर रहना पड़ता है. वही, सॉल्टलेक से सटे न्यूटाउन में ऑटोरिक्शा की तुलना में ई-रिक्शा पर अधिक लोग निर्भर रहते है. लेकिन कई बार इन ईको-फ्रेंडली वाहनों (ई-रिक्शा) के चालक अतिरिक्त किराये की मांग करते हैं. खासकर शाम के बाद अथवा बारिश के समय में अधिक किराये लेते है. इसके अलावा न्यूटाउन के सभी ब्लॉकों में ई-रिक्शा उपलब्ध भी नहीं हैं इसलिए अब लोगों की ऐसी समस्याओं को दूर करने व न्यूटाउन के विभिन्न ब्लॉकों में यातायात संपर्क को और अधिक सुगम बनाने के लिए न्यूटाउन इलाके में अब ऐप नियंत्रित ई रिक्शा चालू होने वाला है. न्यूटाउन कोलकाता डेवलपमेंट ऑथोरिटी (एनकेडीए) ने इसे लेकर पहल की है.
एनकेडीए सूत्रों के मुताबिक, एनकेडीए की ओर से फैसला लिया गया है कि ई-रिक्शा बुकिंग ऐप के साथ-साथ फोन पर भी उपलब्ध होगी क्योंकि न्यूटाउन में काफी बुजुर्ग भी रहते हैं, जिनमें से कई लोगों को स्मार्टफोन इस्तेमाल करने की आदत नहीं है. न्यूटाउन में वर्तमान में करीब 450 ई-रिक्शा चलते हैं. इन सभी को ऐप के तहत लाने की कोशिश की जा रही है. प्रत्येक मार्ग के लिए किराया एक निर्धारित रूप से तय किया जायेगा, ताकि कोई अपने मुताबिक किराया नहीं ले पायेगा. ऐप आधारित ई-रिक्शा का किराया प्रशासन की ओर से तय किया जायेगा.
एनकेडीए के चेयरमैन देबाशीष सेन का कहना है कि यह योजना है. सब कुछ ठीक रहा तो दुर्गापूजा से पहले ही इस सेवा को शुरू कर दिया जायेगा.
मालूम रहे कि न्यूटाउन में कुल ब्लॉकों की संख्या 33 है और करीब एक लाख 10 हजार लोग रहते हैं. डीबी ब्लॉक के सौमित्र दत्ता का कहना है कि सभी ब्लॉकों में ई-रिक्शा उपलब्ध भी नहीं हैं. लंबे समय से नजरुलतीर्थ स्टैंड से ई -रिक्शा चला रहे पुलक मंडल नामक एक चालक का कहना है कि नजरुलतीर्थ, रवीन्द्रतीर्थ की तरह ही कुछ जगहों से हर समय यात्री मिल जाते है लेकिन सभी जगहों पर ऐसा नहीं है, जिस कारण ज्यादातर ई रिक्शा इन्हीं इलाकों में ही रहते हैं. ऐप के जरिये बुकिंग शुरू होने से यात्रियों के साथ-साथ चालकों को भी फायदा होगा.

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