महाराष्ट्र: अकोला में हिंसा के बाद धारा 144 लागू

न्यूज डेस्कः महाराष्ट्र के अकोला जिले में दो गुटों के बीच में हुई हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई है. हिंसा के मामले में पुलिस ने तीस लोगों को हिरासत में लिया है. इस घटना के बाद महाराष्ट्र पुलिस ने पूरे राज्य में अलर्ट जारी किया है. जिलों के एसपी और कमिश्नर को ऐसे में सतर्क और संवेदनशील रहने का आदेश दिया है. अकोला की इस घटना में दो पुलिसवालों समेत आठ लोग जख्मी हुए हैं. हालात पर काबू पाने के लिए पुलिस महकमे को हिंसा वाले कई इलाकों में धारा 144 भी लगानी पड़ी थी.
शनिवार की रात हुए इस हादसे के बाद के इलाके में 36 घंटे तक इंटरनेट सेवाएं भी बंद करनी पड़ीं. विलास गायकवाड (40) की दोनों गुटों की तरफ से हो रहे पथराव में दुर्भाग्यपूर्ण मौत हो गयी है. एक इंस्टाग्राम पोस्ट को लेकर शुरू विवाद ने महाराष्ट्र पुलिस के कान खड़े कर दिए हैं.
जान कैसे शुरु हुई हिंसा?
आरोप है कि इस विवादित इंस्टाग्राम पोस्ट में प्रोफेट मोहम्मद का अपमान किया गया है. यह विवादित पोस्ट द केरला स्टोरी फिल्म से जुड़ा हुआ था. इस पोस्ट को लेकर पहले कुछ लोगों ने रामदासपेठ पुलिस स्टेशन का घेराव किया किया. इसके बाद एक अन्य ग्रुप ओल्ड सिटी पुलिस स्टेशन पर पहुंचा. धीरे-धीरे लोगों की संख्या भीड़ में तब्दील हो गयी और हालात बेकाबू हो गए. पुलिस स्टेशन के बाद यह भीड़ पास के एक मंदिर की तरफ बढ़ गयी और वहां आग लगा दी. इसके अलावा आसपास की गाड़ियों को नुकसान पहुंचाया.
हालांकि, पुलिस के लिए यह कोई नया मामला नहीं था इसके दो पहले ही वह ऐसे ही एक मामले का सामना कर चुकी थी. बावजूद इसके उचित कदम नहीं उठाये गए. इस मामले में महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और गृह मंत्री देवेंद्र फडणवीस फिलहाल पूरे मामले में नजर बनाए हुए हैं.
नफरत फैलाने के लिए व्हाट्सअप ग्रुप बने हैं
वह लगातार महाराष्ट्र के डीजीपी से लगातार संपर्क में हैं. इस मामले में चार बार के पार्षद रह चुके साजिद खान कहते हैं कि इस मामले में पुलिस हिंसा को रोकने में असफल रही. घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई. क्योंकि वह जिस ऑटो रिक्शा में था उसपर एक धर्म विशेष के स्टीकर चिपके हुए थे. इलाके के एसपी संदीप घुगे के मुताबिक जिस व्यक्ति की मौत हुई है. वह एक कॉमन मैन था जिसका किसी मजहब से कोई लेना देना नहीं था.
बीजेपी के स्थानीय विधायक रणधीर सावरकर ने बताया कि गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अमरावती से अकोला में फोर्स भेजी थी ताकि हालात को काबू में लाया जा सके. उन्होंने कहा की कुछ लोगों ने नफरत फैलाने के लिए व्हाट्सअप ग्रुप बनाये हैं. उन्होंने यह भी कहा यह स्पष्ट रूप से इंटेलिजेंस फेल्योर का का मामला है.