पश्चिम बंगालः नौकरी का झांसा देकर युवक का अपहरण, कंपनी से की गई शिकायत
न्यूज डेस्कः एक निजी कंपनी पर नौकरी के नाम पर एक युवक के अपहरण का आरोप लगा है. यह घटना पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट के संदेशखाली थाना अंतर्गत कोराकाटी गांव में घटी. मालूम हो कि अपहृत युवक का नाम तपोब्रत मंडल है. कोराकाटी गांव का रहने वाला है. वह 18 जुलाई को गुजरात के अहमदाबाद में काम के लिए घर से निकला था. 20 जुलाई को गंतव्य पर पहुंचने के बाद घर से सारा संपर्क टूट गया. घर से कई बार फोन करने पर भी आपका मोबाइल बंद आता है
इसके बाद निजी कंपनी से संपर्क किया गया, लेकिन वहां से कोई उचित जवाब नहीं मिलने पर टोपोब्रतार दादा और स्थानीय जन प्रतिनिधि पहले संदेशखाली से अहमदाबाद गये. हालांकि वहां कंपनी से संपर्क किया गया, लेकिन उन्हें इस मामले के बारे में कोई जानकारी नहीं मिल सकी. अंततः उन्होंने अहमदाबाद में गुजरात पुलिस से संपर्क किया. लेकिन एक-एक थाने को घुमाने के बावजूद उनकी शिकायत स्वीकार नहीं की गयी. आरोप है कि उन्होंने उनसे मोटी रकम की भी मांग की.
अंततः वे पुनः सन्देशखाली लौट आये. तब तपोब्रत ने संदेशखाली थाने में गुमशुदगी की शिकायत दर्ज करायी. उस शिकायत के आधार पर संदेशखाली थाने की पुलिस ने जांच शुरू की. इसी बीच इसी महीने की 2 तारीख को कोराकाटी के स्थानीय जन प्रतिनिधि प्रणब रॉय को एक अज्ञात नंबर से फोन आया. फोन के दूसरी तरफ की आवाज गर्म लग रही थी. आख़िरकार, शनिवार 5 अगस्त की रात, कई लड़ाइयों के बाद, तपोब्रत मंडल कोराकाटी में अपने घर लौट आए.
घर लौटने के बाद तपोब्रत ने बताया कि जैसे ही वह अहमदाबाद स्टेशन पर उतरे, स्टेशन से सटे इलाके से एक ऑटो चालक समेत तीन युवकों ने उनका अपहरण कर लिया. फिर उसे अहमदाबाद के बांसरा में एक चावल मिल में ले जाया गया. लगातार 12 दिनों तक वहां रहने के बाद किसी तरह उन्होंने उस गांव के प्रणब रॉय से फोन पर संपर्क किया. तब स्थानीय सांसद प्रणब रॉय ने अहमदाबाद में अपने दोस्तों से संपर्क किया और तपोब्रत को एक कार नंबर दिया. तपोब्रत ने किसी तरह अपनी जान बचाई और कार के नंबर का पीछा किया, कार आते ही वह कार में बैठ गया और सीधे अहमदाबाद स्टेशन चला गया. वहां से संदेशखाली घर पहुंचे.
लेकिन तपोब्रत का अपहरण कैसे हुआ? उसका अपहरण क्यों किया गया? संदेशखाली थाने की पुलिस पूरे मामले की जांच में जुट गयी है कि क्या कोई बड़ा अपहरण गिरोह है या फिर संबंधित कंपनी ने जानबूझकर ऐसी घटना को अंजाम दिया है.