ममता बनर्जी का ओबीसी, मुस्लिम दांव पड़ा उल्टा?

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न्यूज डेस्कः पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी की सरकार की मुसीबत कमने का नाम नहीं ले रहा है. ‘संदेशखाली’ मुद्दे की वजह से राजनीतिक किरकिरी का सामना कर रही ममता सरकार के लिए एक दूसरी मुसीबत खड़ी हो गई है. कहां तो ममता बनर्जी चाहती थीं कि राज्य की 83 जातियां (जिनमें अधिकतर मुस्लिम समुदाय की हैं) केंद्र सरकार की ओबीसी लिस्ट में शामिल हो जाएं मगर राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग (एनसीबीसी) ने उनकी सिफारिश पर गंभीर आपत्ति जाहिर की सो अलग, उलट राज्य सरकार की ओबीसी लिस्ट में कुछ खामी और अनियमितता की बात कही है.

वर्तमान समय में  पश्चिम बंगाल की 98 जातियां भारत सरकार के ओबीसी लिस्ट में शामिल हैं. पश्चिम बंगाल सरकार की चाह थी कि 83 और जातियों को इस सूची में जगह दी जाए और 4 जातियों के नामकरण में कुछ संशोधन किए जाए ताकि उन से मिलती जुलती जाति और समुदाय भी इस कैटेगरी के तहत आरक्षण का लाभ ले सके. एनसीबीसी ने इन 4 जातियों के नामकरण में सुधार की बात तो मान ली मगर 83 जातियों को ओबीसी कैटेगरी में शामिल करने वाले ममता सरकार के प्रस्ताव पर कुछ आपत्ति गिनाते हुए फिलहाल इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया है.

पश्चिम बंगाल सरकार ने जिन 83 जातियों को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) की सेंट्रल लिस्ट (केंद्रीय सूची) में शामिल करने की दरख्वास्त दी थी, इनमें से 73 जातियां मुस्लिम समुदाय से थी. और दूसरी आपत्तियों के अलावा मुस्लिम समुदाय के जातियों की बड़े पैमाने पर ओबीसी कैटेगरी में सिफारिश भी आयोग को खटकी. साथ ही, कमीशन ने पहले से राज्य की ओबीसी सूची में शामिल कुछ जातियों पर सवालिया निशान लगाते हुए इसकी शिकायत राष्ट्रपति से करने की बात की है.

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